नीयत -ए-शौक ना बदल जाएँ कहीं
तू भी दिल से उतर जाए ना कहीं
वक़्त का है कोई कायदा नहीं
बद से बततर ना बन जाए कही
पा कर तुम्हें ना खो दे कहीं
हर वक़्त यही खौफ रहता है
ज़िन्दगी बन जाएँ हम तुम्हारी
बस यही शौक रहता है
शौक पर अपने गुमां हैं हमे
उम्मीद है तुम्हारा साथ पाने की
ना खरे उतरे ग़र उम्मीद पर तुम
नीयत -ए -शौक बदल जाएंगी ही
दिल से उतर जाओ तुम
ना है यह मंज़ूर हमे
दिल -ओ -जान से चाहो हमे
बस यही जूनून है अब
No comments:
Post a Comment